पता नही क्यों वो मुझे इस तरह तड़पाती है, वह मुझे नहीं रोज़ किसी और को मनाती है, पता नही क्यों वो मुझे इस तरह तड़पाती है, वह मुझे नहीं रोज़ किसी और को मनाती ह...
बेटियाँ किसी से कम नहीं हैं,बेटियों का सम्मान करें! बेटियाँ किसी से कम नहीं हैं,बेटियों का सम्मान करें!
जात पात और धर्म बैठे तराजू की एक ओर हैं, समझ नहीं आता दूसरी ओर बैठा कौन है। जात पात और धर्म बैठे तराजू की एक ओर हैं, समझ नहीं आता दूसरी ओर बैठा कौन है।
उम्र का सूरज अब, ढलान पर जा रहा है। लगता है कि बुढ़ापा आ रहा है। उम्र का सूरज अब, ढलान पर जा रहा है। लगता है कि बुढ़ापा आ रहा है।
कविता है तो कवि है ,कवि है तो कविता जीवन की लय समझाती है जीवन सरिता। मधुरिम मधुरिम कविता है तो कवि है ,कवि है तो कविता जीवन की लय समझाती है जीवन सरिता। म...
माँ माँ